Last Updated on September 18, 2025
   
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Gold Price: सोना हो गया और सस्ता, फेड की घोषणा से पहले प्रति 10 ग्राम भाव इतने पर आया, जानें चांदी का हाल

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की आज मौद्रिक नीति की बैठक है, जिसमें की गई घोषणाओं का असर आने वाले दिनों में सोने के भाव पर भी देखने को मिल सकता है।
PTOI
2025-09-17
News

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक से ठीक पहले बुधवार 17 सितंबर 2025 को भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में दबाव देखने को मिला। निवेशक फेड के संभावित फैसले से पहले मुनाफावसूली कर रहे हैं, वहीं डॉलर की मजबूती ने भी कीमती धातुओं पर दबाव बढ़ाया है। सुबह 10:00 बजे तक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोना (अक्टूबर वायदा) ₹1,09,705 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था, जिसमें 0.41% की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह, चांदी (दिसंबर वायदा) ₹1,27,304 प्रति किलोग्राम पर थी, जिसमें 1.18% की गिरावट आई।

डॉलर की मजबूती और फेड की उम्मीदें लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, सोने की कीमतों पर दबाव की मुख्य वजह डॉलर इंडेक्स में 0.10% से अधिक की तेजी है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना महंगा हो जाता है, जिससे इसकी मांग घटती है। हालांकि, बाजार में इस बात की व्यापक उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व आज की बैठक में 25 बेसिस प्वाइंट्स की ब्याज दर कटौती कर सकता है।विशेषज्ञों का मानना है कि इस पूरे चक्र में कुल 75-100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो लंबी अवधि में सोने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है, क्योंकि दरें घटने से गोल्ड एक आकर्षक निवेश विकल्प बन जाता है।

2025 में सोने का दमदार प्रदर्शन सोने ने इस साल अब तक 40% से अधिक की शानदार तेजी दिखाई है। इसकी तीन प्रमुख वजहें रही हैं। एक तो भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक चुनौतियों के कारण निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ा। दूसरा, दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने अपने भंडार में सोने की खरीददारी बढ़ाई है और तीसरी, साल के शुरुआती महीनों में डॉलर में कमजोरी से सोने को मजबूती मिली।

ETF के आंकड़े रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड-बैक्ड ETF, SPDR Gold Trust, की होल्डिंग सोमवार को 976.80 मीट्रिक टन से बढ़कर मंगलवार को 979.95 मीट्रिक टन हो गई, जो निवेशकों के बीच सोने की मांग को दर्शाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस सप्ताह सोने और चांदी दोनों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव रह सकता है। निवेशकों को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) के ब्याज दर फैसले, डॉलर इंडेक्स की चाल, और भारत-अमेरिका व्यापार समझौतों से जुड़ी संभावित घोषणाओं पर नजर रखनी चाहिए।


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