बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर हर स्तर से तैयारी जारी है. एक तरफ नेता टिकट के लिए लगे हैं तो दूसरी ओर चुनाव आयोग इसकी व्यवस्था कर रहा है कि कैसे मतदान बेहतर से बेहतर तरीके से हो पाए. इसके लिए चुनाव आयोग की ओर से व्यवस्था की जा रही है. लगातार निगरानी की जा रही है. सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखा जा रहा है. बुर्का या घूंघट में मतदान करने वाली महिलाओं की जांच के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है.
दरअसल चुनाव आयोग अगले महीने (नवंबर, 2025) बिहार विधानसभा चुनाव सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए 2.5 लाख पुलिस कर्मियों सहित करीब 8.5 लाख चुनाव कर्मियों को तैनात करेगा. चुनाव आयोग ने गुरुवार (09 अक्टूबर, 2025) को कहा कि लगभग 8.5 लाख चुनाव कर्मियों में से 4.53 लाख मतदान कर्मी, 2.5 लाख पुलिस कर्मी, 28,370 मतगणना कर्मी, 17,875 माइक्रो ऑब्जर्वर, 9,625 सेक्टर अधिकारी और 90,712 आंगनबाड़ी सेविकाएं होंगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम घोषित करते हुए कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का उपयोग मतदान केंद्रों पर बुर्का और घूंघट वाली महिलाओं की पहचान करने के लिए किया जाएगा. पहली बार, बिहार के 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक के लिए एक सामान्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा, जो आयोग की आंख और कान के रूप में कार्य करेगा.
14 नवंबर को होगी मतगणना
आयोग के मुताबिक इनके अलावा, 38 पुलिस पर्यवेक्षक और 67 व्यय पर्यवेक्षक भी तैनात किए गए हैं. ये पर्यवेक्षक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में तैनात रहेंगे और नियमित रूप से राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से मिलकर उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे. राज्य में दो चरणों में छह और 11 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 14 नवंबर को होगी.
बता दें कि बुर्का और घूंघट में मतदान कराने को लेकर खूब बयानबाजी भी हुई थी. बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा था, जो पर्दानशीन औरतें हैं उनका महिलाओं के द्वारा वोटर कार्ड के माध्यम से चेहरे का मिलान कराया जाए ताकि सही मतदाता को वोट करने का अधिकार मिल सके. वहीं गन्ना मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने कहा था, अगर बुर्का चलेगा तो घूंघट भी चलेगा.
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