बीजेपी और चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) के बीच ना सिर्फ सीटों की संख्या को लेकर पेंच फंसा है बल्कि चिराग पासवान की मनपसंद सीटों की मांग को लेकर भी खींचतान है. दरअसल, चिराग पासवान ज्यादा से ज्यादा सीटें अपने खाते में चाहते हैं. इसके साथ ही वो अपने कुछ बड़े नेताओं की सीट भी सीट बंटवारे में चाहते हैं. मसला ये है कि चिराग जो मनपसंद सीटें चाहते हैं, उसमें से कुछ सीटें बीजेपी की सीटिंग सीटें हैं तो कुछ सीटों पर सहयोगी नजरें गड़ाए हुए हैं. इसको लेकर उन्होंने अपनी मंशा और मांग बीजेपी के सामने रखी है.
जो सीट चिराग पासवान अपनी पार्टी के बड़े नेताओं के लिए चाहते हैं, उसमें सबसे अहम सीट गोविंदगंज की है, जो चिराग अपने बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के लिए चाहते हैं. राजू तिवारी वहां से 2015 में विधायक रह चुके हैं. पर पेंच ये कि इस सीट पर मौजूदा विधायक बीजेपी के हैं. चिराग पासवान अपनी पार्टी के प्रदेश संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय के लिए भी ब्रह्मपुर की सीट चाहते हैं.
इन सीटों पर चिराग ने ठोका दावा
इसके साथ-साथ चिराग पासवान ने अपनी खुद की हाजीपुर लोकसभा सीट के तहत महुआ और राजापाकड़ सीट की मांग भी की है. मगर एनडीए के ही सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने भी महुआ विधानसभा सीट पर दावा ठोका हुआ है. इन सीटों के साथ-साथ चिराग समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र की मोरवा और समस्तीपुर, वैशाली लोकसभा क्षेत्र की हायाघाट और लालगंज सीट, जमुई लोकसभा क्षेत्र की चकाई और जमुई सीट और खगड़िया लोकसभा क्षेत्र की अलौली सीट भी अपने खाते में चाहते हैं.
चकाई सीट जेडीयू चाहती है जहां से वो निर्दलीय जीते सुमित सिंह को जेडीयू के खाते से उतारना चाहती है. चिराग पासवान सिकंदरा की सीट भी चाहते हैं, जहां से अभी जीतन राम मांझी की पार्टी के सिटिंग विधायक हैं. इन सीटों के अलावा जो कुछ और सीटों पर चिराग पासवान ने दावा ठोका है उसमें बोधगया, शेरघाटी, अतरी, बखरी, मटिहानी, हिसुआ विधानसभा सीटें हैं. पिछली बार मटिहानी से चिराग की पार्टी जीती थी पर उनके विधायक जेडीयू में शामिल हो गए थे लिहाजा इस सीट पर जेडीयू अपना दावा जता रही है.
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