प्रदेश की नदियों से लगातार तीन महीने खनन पर लगी रोक अक्टूबर के मध्य में ही समाप्त हो चुकी है और नदियों से एक बार फिर बालू खनन शुरू है। लेकिन, इस बीच खान एवं भू-तत्व विभाग को ऐसी जानकारियां मिल रही हैं कि बंदोबस्तधारी को नदी घाट में जितनी गहराई में खनन की अनुमति है वे उससे अधिक गहराई तक खनन कर रहे हैं।
सूचना प्राप्त होने के बाद विभाग सख्त हो गया है। विभाग की ओर से सभी जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों के साथ ही सभी सहायक खनिज निदेशकों को एक पत्र जारी किया गया है।
जिसमें कहा गया है कि विभाग के पास ऐसी जानकारी है जहां पर्यावरण स्वीकृति में निर्धारित क्षेत्र के बाहर और अधिक गहराई में खनन किया जा रहा है, ऐसा होना गलत है।
लिहाजा खनिज विकास पदाधिकारी अपने क्षेत्र में स्थित सभी बालू घाटों की सघन जांच करें। यदि ऐसी कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो नियमों के आधार पर दोषी लोगों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
पत्र में अधिकारियों को यह हिदायत भी दी गई है कि जो बालू घाट अब तक नीलाम नहीं हुए हैं, उनकी नए सिरे से नीलामी की व्यवस्था करें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि ऐसे बालू घाटों से अवैध बालू खनन न होने पाए। यदि जांच के दौरान कोई पकड़ा जाता है तो उसकी पहचान कर उसके खिलाफ पुलिस केस किया जाए और कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
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