सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट के 54 पूर्व जजों ने मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन के खिलाफ चल रहे महाभियोग प्रयासों की कड़ी आलोचना की है. पूर्व जजों ने एक संयुक्त बयान जारी कर इसे न्यायपालिका पर दबाव बनाने की अनुचित और खतरनाक कोशिश बताया है. बयान में कहा गया है कि राजनीतिक या वैचारिक मतभेद के चलते किसी भी जज को निशाना बनाना गलत और न्याय व्यवस्था के लिए हानिकारक है. पूर्व जजों ने यह भी याद दिलाया कि पिछले कुछ वर्षों में देश के कई वरिष्ठ मुख्य न्यायाधीशों के खिलाफ भी इसी तरह के प्रयास किए गए थे.
उन्होंने बताया कि इससे पहले पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, रंजन गोगोई, एस.ए. बोबडे और डी.वाई. चंद्रचूड़ के खिलाफ भी ऐसे ही महाभियोग जैसे प्रयास किए जा चुके हैं. अब, बयान के अनुसार, वर्तमान चीफ जस्टिस सूर्य कांत पर भी कुछ समूह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने का संकेत है.
आपातकाल में दिखने को मिलता था यह सब
पूर्व जजों का कहना है कि यह सब कुछ उस दौर जैसा है जो आपातकाल के दौरान देखने को मिला था, जब संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश की गई थी. उन्होंने कहा कि यह न्यायपालिका को प्रभावित करने का सुनियोजित प्रयास है. पूर्व जजों ने सांसदों, वकीलों और समाज के अन्य वर्गों से अपील की कि ऐसी कोशिशों का दृढ़ता से विरोध किया जाए और इन प्रयासों को शुरू में ही रोक दिया जाए, ताकि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो सके.
इस बयान पर हस्ताक्षर करने वाले पूर्व जजों में शामिल हैं, जस्टिस आदर्श गोयल, जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस अनिल देव सिंह, जस्टिस नरसिम्हा रेड्डी, जस्टिस पी. बी. बजंथरी, जस्टिस शुभ्रो कमल मुखर्जी, जस्टिस परमोद कोहली, जस्टिस एस. एम. सोनी, जस्टिस विष्णु एस. कोकजे, जस्टिस अम्बादास जोशी, जस्टिस आर. सुब्रमणियन, जस्टिस शिवग्नानम, जस्टिस टी. सुदनाथिरम, जस्टिस एस. एन. धिंगरा और जस्टिस आर. के. गौबा. इनमें से कई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं, जबकि कुछ राजस्थान, पटना, कर्नाटक और सिक्किम हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं.
इसके अलावा जस्टिस विनोद गोयल, जस्टिस जे. आर. सी. चोपड़ा, जस्टिस विद्या भूषण गुप्ता, जस्टिस रमेश कुमार मेराठिया, जस्टिस नवल किशोर अग्रवाल, जस्टिस करम चंद पुरी, जस्टिस जसबीर सिंह, जस्टिस एच. एस. भल्ला, जस्टिस एस. एन. अग्रवाल, जस्टिस दर्शन सिंह, जस्टिस आर. एस. राठौर, जस्टिस प्रशांत कुमार अग्रवाल, जस्टिस राकेश सक्सेना और जस्टिस के. के. त्रिवेदी भी इस सूची में शामिल हैं.
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