बिहार में भूमि से जुड़े रिकॉर्ड को आधुनिक और सटीक बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार विशेष भू-सर्वेक्षण कार्य कर रही है. इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को अपने पटना स्थित कार्यालय में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की.
बैठक में विजय कुमार सिन्हा ने सभी जिलों में चल रहे सर्वेक्षण कार्य की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली और स्पष्ट निर्देश दिया कि यह पूरा काम तय समय सीमा के अंदर हर हाल में पूरा होना चाहिए.
बिहार दो चरणों में चला रहा विशेष भू-सर्वेक्षण
विजय सिन्हा ने बताया कि बिहार में विशेष भू-सर्वेक्षण दो चरणों में चल रहा है. पहला चरण सितंबर 2020 से शुरू हुआ, जिसके तहत 20 जिलों के 89 अंचलों के 5,657 मौजों में सर्वेक्षण का काम जारी है. उन्होंने कहा कि इस चरण में अब तक 961 गांवों का सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है और इन गांवों के अंतिम अधिकार अभिलेख भी प्रकाशित किए जा चुके हैं. बाकी गांवों में काम अंतिम चरण में है और तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसके बाद दूसरा चरण अगस्त 2024 से शुरू किया गया, जिसमें 18 जिलों के 448 अंचलों के 37,384 मौजों में विशेष सर्वेक्षण किया जा रहा है.
हर जिले में तैयार की जाए 10 पंचायतों की सूची-उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री ने दोनों चरणों की तुलना करते हुए कहा कि कई जिलों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन कुछ जगहों पर गति बढ़ाने की जरूरत है. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि हर जिले में उन 10 पंचायतों की सूची तैयार की जाए, जहां प्रगति सबसे धीमी है. इन पंचायतों पर विशेष निगरानी रखते हुए वहां अतिरिक्त संसाधन और कर्मियों की तैनाती की जाए, ताकि काम में तेजी लाई जा सके. उन्होंने कहा कि जमीन से जुड़े अभिलेखों का सही और पारदर्शी सर्वेक्षण सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है, क्योंकि इससे भविष्य में जमीन विवाद कम होंगे और लोगों को सटीक रिकॉर्ड आसानी से मिलेगा.
सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार की बर्दाश्त नहीं की जाएगी लापरवाही
विजय सिन्हा ने अधिकारियों को चेताया कि सर्वेक्षण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि यह परियोजना सीधे जनता के हित से जुड़ी है और इसे निर्धारित समय पर सही तरीके से पूरा करवाना उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है. बैठक में राजस्व विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की निदेशक जे. प्रियदर्शिनी तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. सभी अधिकारियों ने अपने-अपने जिलों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और आगे की कार्ययोजना पर चर्चा की.
सरकार को उम्मीद है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा राज्य आधुनिक भूमि अभिलेखों से जुड़ जाएगा, जिससे नागरिकों को बड़ी सुविधा मिलेगी और प्रशासनिक कार्य भी अधिक पारदर्शी और सरल हो जाएंगे.
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