विराट कोहली और रोहित शर्मा के वनडे टीम में आने के बाद लगा था कि आस्ट्रेलिया से सामना आसान होगा. लेकिन विराट लगातार दूसरी बार जीरो पर आउट होने और रोहित शर्मा की दूसरे वनडे में डिफेंसिव खेलने की रणनीति ने दिखा दिया की अलगे मुकाबलों में भी टीम के लिए हालात आसान नहीं होंगे.
भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी समस्या है कि उसकी ओपनिंग ठीक से नहीं हो पा रही है. दूसरे मुकाबले में विराट शुभमन गिल के साथ ओपनिंग करने आए थे. लेकिन पेसर जेवियर बार्टलेट ने एक ही ओवर में इन दोनों का विकेट हासिल कर लिया. असल में भारतीय बल्लेबाजों को आस्ट्रेलियाई पेस बॉलिंग का कोई तोड़ नजर नहीं आ रहा.
उसके लिए पहले मैच में हैजलवुड समस्या था तो दूसरे में बार्टलेट को पढ़ पाना भी मुश्किल साबित हुआ. पहले मैच में जीरो पर आउट होने के बाद विराट ने ऑफ स्टंप के बाहर जाने वाली गेंद को ना छेड़ने का फैसला किया और क्रीज पर अपने खड़े होने के स्टांस में बदलाव भी किया लेकिन इस बदलाव के चलते वह एलबीडब्ल्यू हो गए. बार्टलेट की वह गेंद गिरने के बाद अंदर की तरफ आई थी जिसे विराट ठीक से समझ नहीं पाए और वह मिडल स्टंप के ठीक सामने थे. गेंद उनके पैड पर लगी और अंपायर को आउट देने में कोई समय नहीं लगा.
ऐसा कहा जा रहा है कि आस्ट्रेलिया में मैच शुरू होने से ठीक दो दिन पहले वहां पहुंचने के कारण अभ्यास की कमी को कारण टीम इंडिया संकट झेल रही है. लेकिन जिस तरह से भारतीय बल्लेबाज आस्ट्रेलियाई तेज और स्पिन से खिलाफ खेल रही हैं, उससे साफ है कि इस गेंदबाजी के सामने खड़ा हो पाना उनके लिए समझ बाहर है.
हेजबुड ने जहां 10-2-29-0 का सपैल फेंका तो स्पिनर एडम जैंपा ने दस ओवरों में 60 रन देकर चार विकेट लिए. जाहिर है कि भारतीय बल्लेबाजों को लिए सिर्फ तेज गेंदबाजी ही समस्या नहीं है. यकीनी तौर पर उसे इस समस्या से निजात पानी होगी.
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