बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से महज पंद्रह दिन पहले महागठबंधन के सहयोगी दलों में मचे घमासान के बाद अब स्थिति संभालने की कोशिशें तेज हो गई हैं। सोमवार को कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ उम्मीदवारों की वापसी हुई, जिससे यह संकेत मिला कि विपक्ष अब डैमेज कंट्रोल मोड में है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक दो हफ्ते पहले तक बिखरा नजर आ रहा विपक्षी महागठबंधन अब डैमेज-कंट्रोल मोड में आ गया है। सोमवार को कुछ सीटों पर सहयोगी दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ खड़े अपने उम्मीदवारों को वापस लेना शुरू कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने 143 उम्मीदवारों की अपनी सूची जारी की है, जबकि बाकी 100 सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी हैं। राजद ने 31 मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है। कांग्रेस 61 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि भाकपा-माले (CPI-ML), भाकपा (CPI) और माकपा (CPM) को मिलाकर वाम दलों ने 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। दूसरी ओर, पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के नेतृत्व वाली विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने 15 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। इन सबके बावजूद, महागठबंधन के सहयोगियों के बीच अभी भी कम से कम छह सीटों पर दोस्ताना मुकाबले का खतरा बना हुआ है।
विपक्षी महागठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि दूसरे चरण के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 23 अक्टूबर तक अनिश्चितता के बादल छंट जाएंगे।
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