केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी द्वारा दायर उस याचिका का विरोध कर सकती है जिसमें उन्होंने विशेष न्यायाधीश से चार मामलों को स्थानांतरित करने की मांग की है। सीबीआई ने हाल ही में राबड़ी देवी, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर आईआरसीटीसी घोटाले में शामिल होने के आरोप तय किए हैं।
राबड़ी देवी ने की केस ट्रांसफर की मांग
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपनी याचिका में, राबड़ी ने विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष लंबित चार मामलों को स्थानांतरित करने की मांग की है । इनमें आईआरसीटीसी मामला और कथित तौर पर नौकरी के बदले जमीन मामले की सीबीआई द्वारा की जा रही पैरवी और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही मनी लॉन्ड्रिंग कार्रवाई शामिल है।
क्या है मामला पहले ये समझिए
पिछले महीने, न्यायाधीश गोगने ने पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव और अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ कथित आईआरसीटीसी घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के आरोप तय किए थे। राबड़ी ने न्यायाधीश पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है और कहा है कि वह उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ पूर्वनियोजित तरीके से मुकदमा चला रहे हैं। उनकी याचिका के अनुसार, न्यायाधीश अभियोजन पक्ष के प्रति अनुचित रूप से पक्षपाती हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है, उपर्युक्त सभी मामलों में कार्यवाही के दौरान विभिन्न अवसरों पर विशेष न्यायाधीश का आचरण अभियोजन पक्ष के प्रति अनुचित रूप से पक्षपाती प्रतीत होता है, जैसा कि मामले की कार्यवाही/आदेशों के कई उदाहरणों से देखा जा सकता है, जिससे आवेदक के मन में पक्षपात की उचित आशंका पैदा हुई है और न्याय, समता और निष्पक्षता के हित में मामलों को सक्षम क्षेत्राधिकार वाली किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
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