कर्नाटक में जारी राजनीतिक हलचल अब बिहार की सियासत तक पहुंच चुकी है. राज्य की दो प्रमुख पार्टियों आरजेडी और जेडीयू ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. एक तरफ जहां आरजेडी ने बीजेपी पर खेल करने का आरोप लगाया, वहीं जेडीयू ने कांग्रेस नेतृत्व पर उदासीनता का ठप्पा लगाते हुए कहा कि कर्नाटक सरकार कभी भी संकट में आ सकती है. दोनों दलों के बयानों ने सूबे की राजनीति में नई गरमाहट ला दी है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कर्नाटक का मौजूदा घटनाक्रम आने वाले चुनावों और गठबंधन समीकरणों पर भी बड़ा असर डाल सकता है. फिलहाल, कर्नाटक सरकार की स्थिरता पर कई सवाल उठ रहे हैं और राष्ट्रीय राजनीति पर इसकी आंच पड़नी तय है.
RJD ने BJP पर लगाया लोकतंत्र को अस्थिर करने का आरोप
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने कर्नाटक की स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि कांग्रेस आलाकमान हालात पर पूरी निगाह बनाए हुए है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कर्नाटक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का गृह राज्य है और वहां की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. तिवारी ने आरोप लगाया, बीजेपी कर्नाटक में भी खेल करना चाहती है. यह लोकतंत्र पर खतरा है. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में बीजेपी ने कई राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की है और कर्नाटक भी इससे अछूता नहीं है. आरजेडी नेता ने इसे लोकतंत्र की नींव पर हमला बताया.
JDU ने कांग्रेस नेतृत्व को ठहराया जिम्मेदार
उधर जेडीयू नेता राजीव रंजन प्रसाद ने कर्नाटक संकट का दोष सीधे कांग्रेस नेतृत्व पर मढ़ दिया. उन्होंने कहा कि कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच टकराव शुरू से जारी है, लेकिन राहुल गांधी की लापरवाही के कारण स्थिति विस्फोटक बन चुकी है. राजीव रंजन ने कहा कि राहुल गांधी के पास वक्त नहीं है. उन्होंने पूरे देश में कांग्रेस के संगठन को कमजोर किया है. कर्नाटक सरकार किसी भी वक्त गिर सकती है. उनका कहना था कि कांग्रेस नेतृत्व का आपसी मतभेदों पर गंभीरता से ध्यान न देना ही वहां की अस्थिरता की सबसे बड़ी वजह है.
अपनी अंतिम सांस ले रही कर्नाटक सरकार- शाहनवाज
बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कर्नाटक सरकार अपनी अंतिम सांस ले रही है. वे सभी आपस में उलझे हुए हैं. डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया आपस में उलझे हुए हैं. इस विवाद में त्रिकोण बना हुआ है. वहां सभी विधायक सत्ता पाने और बचाने में लगे हुए हैं.
बिहार की राजनीति में फिर तेज हुई हलचल
दोनों दलों के बयानों ने बिहार की राजनीति में भी नई बहस छेड़ दी है. जहां आरजेडी बीजेपी पर हमलावर है, वहीं जेडीयू कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे को कठघरे में खड़ा कर रही है. इससे साफ है कि कर्नाटक का राजनीतिक संकट अब सिर्फ दक्षिण भारत का मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक दलों की रणनीति और प्रतिद्वंद्विता का नया केंद्र बन गया है.
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