बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर विवाद गर्म होता जा रहा है. पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने गठबंधन के फैसलों पर सवाल उठाते हुए इसे पूरी तरह गलत बताया. उन्होंने कहा कि गठबंधन के वर्तमान हालात से इसे कमजोर किया जा रहा है और इसे वापस लाने की आवश्यकता है.
पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि अगर फैसले लेने का अधिकार उन्हें होता, तो शायद उन्हें एक भी सीट नहीं मिलती. उन्होंने कांग्रेस पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह एक अनुशासित और विचारधारा-आधारित पार्टी है. वहीं उन्होंने गठबंधन में टिकट वितरण की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. उनका कहना था कि 12 जगह पर दोहरे उम्मीदवारों को उतारना बिल्कुल गलत है और इससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठते हैं.
कांग्रेस का एससी-एसटी वर्गों पर फोकस- पप्पू यादव
सांसद ने कांग्रेस को जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को तय करना चाहिए कि उसे किस तरह की रणनीति अपनानी है और किस तरह से गठबंधन को मजबूत रखना है. उन्होंने विशेष रूप से अति पिछड़ी जातियों और एससी-एसटी वर्गों पर फोकस करने की बात कही और कहा कि कांग्रेस ने इस दिशा में प्रयास किए हैं, लेकिन गठबंधन की गड़बड़ी इसे कमजोर कर रही है.
सुबह तक किया जा रहा सीटों का वितरण- पप्पू यादव
पप्पू यादव ने यह भी कहा कि सुबह तक सीटों का वितरण किया जा रहा है, और इसके पीछे की सच्चाई जनता के सामने होनी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कौन है जो गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. उनके अनुसार, गठबंधन धर्म का पालन फिलहाल केवल कांग्रेस ही कर रही है.
आपसी मतभेदों की ओर इशारा कर रहा पप्पू यादव का बयान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पप्पू यादव का बयान महागठबंधन में चल रही सीट बंटवारे की अनबन और आपसी मतभेदों की ओर इशारा करता है. इससे स्पष्ट होता है कि चुनाव से पहले गठबंधन की रणनीति को लेकर अंदरूनी स्तर पर असंतोष है. उनका यह बयान चुनावी रणनीति और गठबंधन के भविष्य को लेकर नई बहस छेड़ सकता है.
पप्पू यादव की चेतावनी यह भी है कि अगर समय रहते गठबंधन को मजबूत नहीं किया गया, तो इसका नकारात्मक असर चुनाव परिणामों पर पड़ सकता है. उन्होंने साफ कहा कि चुनाव में जीत के लिए केवल टिकट वितरण नहीं बल्कि गठबंधन की एकजुटता और विचारधारा का पालन भी जरूरी है.
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