पटना: राज्य सरकार ने पढ़ाई में पिछड़ चुकी जनता को सरकारी नौकरी से जोड़ने को लेकर शैक्षणिक योग्यता को कम कर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह निर्णय विभाग का प्रभार संभालते परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने किया। अब इस नई घोषणा में सरकारी बसों में कंडक्टर बनने के लिए 10वी पास करने की जरूरत नहीं। अब अगर आप सातवीं पास है तो खलासी बन सकते हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने खलासी पद की न्यूनतम योग्यता दसवीं पास से घटाकर सातवीं पास कर दी है।
मंत्री ने ग्रहण किया पदभार
राज्य के नए परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने आज विभाग का कार्यभार संभालते ही विभागीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक भी की। इस बैठक के बाद एक बड़ा और जनउपयोगी फैसला करते खलासी पद की अर्हता कम कर दी। इस मौके पर विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह एवं राज्य परिवहन आयुक्त अभिषेक द्विवेदी भी मौजूद थे।
आईडीटीआर का होगा निर्माण
परिवहन मंत्री ने एक और घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में चार नए इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) के निर्माण के निर्देश दे दिया गया। ये नए केंद्र बांका/भागलपुर, पूर्णिया, बेतिया और नालंदा में बनाए जाएंगे। वर्तमान में राज्य में केवल पटना और औरंगाबाद में दो आईडीटीआर कार्यरत हैं। परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए मंत्री ने ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के निर्माण, बस अड्डों पर सुविधाओं का विस्तार, सफाई और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, बस स्टॉप/अड्डों की जमीन पर हुए अवैध कब्जों को हटाना, चालक कल्याण योजना के तहत ड्राइवरों को स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा, यूनिफॉर्म और पेंशन जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
परिवहन विभाग का फैसला
इसके साथ ही निगम की पुरानी व जर्जर बसों को डंप करने की बजाय उनकी नीलामी प्रक्रिया तेज करने कहा। मंत्री ने कहा कि इससे परिवहन सुविधा व्यवस्थित होगी और नई बसें खरीदने में मदद मिलेगी। इसके साथ साथ सरकार सभी प्रमुख रूटों पर अपनी बसें चलाने की तैयारी कर रही है, ताकि यात्रियों को सस्ती परिवहन सुविधा मिल सके। समीक्षा बैठक के दौरान विभाग के अपर सचिव प्रवीण कुमार, बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के प्रशासक अतुल कुमार वर्मा, संयुक्त सचिव कृत्यानंद रंजन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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