बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की जंग में एन डी ए की मिली जीत में 10 हजार के प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता। पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना को चुनाव परिणाम के बाद चौथीं किश्त जारी कर विपक्ष को इस लिहाज से करारा जवाब दे डाला कि यह महज चुनावी जुमला नहीं था। साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष को उन सवालों का भी जवाब दे दिया कि 10 हजार पाने वाली महिलाओं को यह पैसे चुनाव बाद लौटाने पड़ेंगे। दरअसल विपक्ष जिस मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को चुनावी करार दे रहे थे, उसकी सच्चाई कुछ और है। चलिए इसे समझते हैं।
क्रमिक और निरंतर विकास
राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना आधी आबादी को संबल प्रदान करने वाली योजना है। यह क्रमिक और निरंतर उपयोग में लाई योजना है। यह योजना राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस योजना का आधार बहुत ही विस्तार लिए हुए है। नीतीश कुमार हर परिवार के घर इस योजना की पैठ बिठाना चाहते हैं। दरअसल नीतीश कुमार की प्लानिंग यह है कि इस मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत कम से कम हर परिवार में एक को रोजगार से जोड़ें। यानी बिहार में कुल 2.76 करोड़ परिवार हैं तो यह एकबारगी तो संभव नहीं है। इसे थोड़ा-थोड़ा कर मुख्यमंत्री महिला रोजगार के तहत जोड़ते जाना है। और ऐसा किया भी जा रहा है।
28 नवंबर को चौथी किश्त
नीतीश सरकार ने स्लोली स्लोली विन द रेस की शैली में काम किया। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली सूची 20 सितंबर 2025 को जारी की। इस दिन 75 लाख महिलाओं के खाते में दस हजार रुपए की पहली किस्त दी गई। दूसरी बार 3 अक्टूबर 2025 को 25 लाख महिलाओं को 10 हजार रुपए की राशि की दूसरी किस्त दी गई। तीसरी बार 6 अक्टूबर 2025 को 46 लाख महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये डाले गए। और चौथी बार 28 नवंबर को 10 लाख महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपये डाले गए।
क्या साबित कर गए नीतीश?
बिहार विधानसभा चुनावी जंग 2025 जीतने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की चौथी किश्त जारी करने की घोषणा के साथ एक तीर से कई निशाने साथ दिए। समझिए कैसे...
बतौर चौथी किश्त के जरिए दस लाख महिलाओं के खाते में आज डाल कर सरकार ने बताने की कोशिश की कि ये वो नहीं जो मतलब निकल गया तो पहचानते नहीं।
नीतीश सरकार ने बताने की कोशिश की कि यह एक ईमानदार सरकार है और वादा कर उसे पूरा करना जानती है।
इस सरकार ने यह भी साबित करने की कोशिश की कि विपक्ष की अफवाह फैलाने की आदत है। ये 10 हजार लौटाने नहीं है। जो व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहती हैं, तब ये सरकार दो लाख रुपये और देने तक देने के लिए तैयार है।
इस योजना को निरंतर जारी रख कर इस साकार ने आधी आबादी पर अपना और अटूट विश्वास बढ़ाया।
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